फॉर्म 26AS, इसे वार्षिक स्टेटमेंट के रूप में भी जाना जाता हैl इसमें TDS, TCS, और टैक्स रिफंड आदि जैसी सभी टैक्स-संबंधी जानकारी का रिकॉर्ड होता है। फार्म 26AS टैक्स विभाग/टैक्स देने वालों के द्वारा उपयोग किया जाता है और ये आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 203AA, नियम 31AB द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
TRACES (ट्रेसेज) से फार्म 26AS कैसे डाउनलोड करें?
आप ट्रैसेज वेबसाइट से फॉर्म 26AS डाउनलोड कर सकते हैं या बैंकों की नेटबैंकिंग सुविधा का उपयोग कर सकते हैं:
- फॉर्म 26AS डाउनलोड करने के लिए आयकर ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं.
- यूजर ID के रूप में अपना पैन नंबर, पासवर्ड और कैप्चा कोड भर कर लॉग-इन करें.
- अपने अकाउंट में लॉग-इन करने के बाद ‘MY ACCOUNT’ पर जाएं और ड्रॉप डाउन मेन्यू में ‘VIEW FORM 26 AS’ पर क्लिक करें.
- ‘CONFIRM’ पर क्लिक करें जिसके बाद आप को ट्रैसेज (TRACES ) वेबसाइट पर भेज दिया जाएगा.
- ट्रैसेज से मिले फ़ार्म 16/फार्म 16A के उपयोग और स्वीकृति के लिये सहमति देने के लिए ‘Proceed’ पर क्लिक करके आगें बढ़े.
- अपना फॉर्म 26AS देखने के लिए ‘View’ पर क्लिक करें.
- एसेसमेंट वर्ष और उस फॅार्मेट (HTML/TEXT) को चुनें जिसमें आप फार्म 26AS को देखना चाहते हैं. आप PDF फॉर्मेट में भी अपना फॉर्म 26AS डाउनलोड कर सकते हैं. उसके बाद ‘VIEW/DOWNLOAD’ पर क्लिक करें.
- फॅार्म को खोलने के लिए आपको पासवर्ड दर्ज करना होगा. आपके फार्म 26AS का पासवर्ड DD/MM/YYYY प्रारूप में आपकी DOB यानी जन्मतिथि होगी। उदाहरण के लिए: यदि आपकी जन्मतिथि 15 अप्रैल, 1985 है तो आपका पासवर्ड 15041985 होगा।
फार्म 26AS का उदाहरण
नीचे आपको फार्म का एक उदाहरण दिया जा रहा है, जो दिखाता है कि फ़ार्म 26AS कैसा होता है।
आमतौर पर, फ़ार्म 26AS 3-4 पन्नों का होता है, पर TDS/TCS से संबंधित जानकारियों के आधार पर यह संख्या अधिक हो सकती है।
फार्म 26AS के विभिन्न भाग
प्रत्येक वित्तीय वर्ष (Financial year) के लिए फार्म 26AS को कई भागों मे बांटा जाता है। फॉर्म 26AS में भाग A, A1 में टैक्स क्रेडिट (टैक्स अधिकारियों को) और भाग B में डिडक्टर (TDS काटने वाला) द्वारा दी गई TDS/TCS की जानकारी होती है
फ़ार्म 26AS भाग A:
फॉर्म 26AS के भाग A में TDS की जानकारी दी जाती है। जो बैंकों द्वारा आपके निवेश (FD/RD) से ब्याज़ पर काटा जाता है। इस भाग में TDS से संबंधित जानकारियां ही होती हैं।
फ़ार्म 26AS भाग A1: फॉर्म 26AS का यह भाग विशेष रूप से फॉर्म 15G/15H में दी गई TDS की जानकारी के लिए है। यह भाग बैंकों आदि में किए गये ट्रांजैक्शन को दिखाता है, जहां व्यक्ति ने फॉर्म 15G/15H को जमा किया है इसलिए उन मामलों में TDS शून्य होगा क्योंकि व्यक्ति ने पहले ही संबंधित बैंक/संस्थान को फॉर्म 15G/15H जमा कर दिया है और वे इस फ़ार्म में दी गई जानकारी के आधार पर कोई टैक्स नहीं काटेंगें। यह भाग आपके ब्याज की जानकारी रखने में भी मदद करता है जिस पर टैक्स नहीं लगाया गया है।
फार्म 26AS भाग A2: फॉर्म के इस भाग में घर की संपत्ति की बिक्री के लिए लागू TDS की जानकारी होती है। फॉर्म 26AS के भाग A2 में संपत्ति बेचेने वाले की ओर से TDS दिखाया जाता है और इसे बेचने वाले के बकाया टैक्स के बदले एडजस्ट भी किया जा सकता है। एक संपत्ति की बिक्री पर लागू TDS दर फाइनेंशियल वर्ष 2019-20 के लिए 1% है।
फ़ार्म 26AS भाग B: फ़ार्म 26AS का यह भाग TDS की जानकारी रखता है। यह टैक्स एक विशेष श्रेणी (जैसे शराब, पार्किंग, टोल प्लाजा, आदि) की बिक्री के समय खरीददार से लिया जाता है। यह राशि हर तीन महीने पर सरकार को जमा की जाती है।
फ़ार्म 26 AS भाग C: फार्म 26AS भाग C में, TDS/TCS के अलावा दिये गए टैक्स की जानकारी होती है। यदि आपने एडवांस टैक्स या सैल्फ असेसमेंट टैक्स का भुगतान किया है, तो उससे संबंधित जानकारी भी यहां होती है। जब भी आप एडवांस टैक्स या सैल्फ असेसमेंट टैक्स का भुगतान सीधे बैंक में जमा करते हैं, तो उसकी जानकारी चैक क्लीयर होने के लगभग 3 दिन में अपलोड हो जाती है।
फ़ार्म 26AS भाग D: फार्म 26AS के इस भाग में टैक्स रिफंड के भुगतान की जानकारी होती है। इस भाग में आपके द्वारा फाइल किए गए रिफंड व उसके भुगतान से संबंधित सभी जानकारियां होती हैं। इससे रिफंड के भुगतान से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करने में मदद मिलती है।
फ़ार्म 26AS भाग E: फॉर्म 26AS के भाग E में एनुअल इनफॅार्मेशन रिफंड (AIR) से जुड़ी जानकारियां होती हैं। यदि आप कुछ बड़े ट्रांजैक्शन करते हैं, जैसे संपत्ति की खरीद, म्यूचुअल फंड में निवेश आदि, तो इन ट्रांजैक्शन की जानकारी बैंकों और कम्पनियों द्वारा एनुअल इनफॅार्मेशन रिफंड (AIR) के माध्यम से इनकम टैक्स विभाग को सौंप दी जाती हैं।
फार्म 26AS क्यों महत्वपूर्ण है?
फॉर्म 26AS में TDS/TCS से जुड़ी कई मुख्य जानकारियां दी जाती हैं जैसे आपका मासिक वेतन, पेंशन, निवेश से इनकम सहित आपकी इनकम के सभी जानकारियां भी दी जाती हैं।
इसीलिये इसे एक महत्वपूर्ण फाइनेंशियल दस्तावेज माना जाता है क्योंकि इसमें सभी टैक्स-संबंधित जानकारियां दी जाती हैं। फार्म 26 AS के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- यह चैक करता है कि TDS काटने वाले ने TDS की जानकारियां सही से जमा की हैं या नहीं।
- इससे यह भी चैक कर सकते हैं कि टैक्स कलेक्टर द्वारा काटे गए टैक्स को सरकार के खाते में समय पर जमा किया गया है या नहीं ।
- यह आयकर रिफंड फाइल करने से पहले टैक्स क्रेडिट और इनकम कैलक्युलेशन को वैरीफाई करने में मदद करता है।
इसके अलावा, यह फ़ार्म एनुअल इनफॅार्मेशन रिफंड (AIR) भी दिखाता है, इसे विभिन्न कम्पनी/बैंक फाइल करती हैं , यदि आप कुछ बड़े ट्रांजैक्शन करते हैं, जैसे संपत्ति की खरीद, म्यूचुअल फंड में निवेश आदि, तो इन ट्रांजैक्शन की जानकारी बैंकों और कम्पनियों द्वारा एनुअल इनफॅार्मेशन रिफंड (AIR) के माध्यम से इनकम टैक्स विभाग को सौंप दी जाती हैं।
फार्म 26AS नागरिक और सरकार दोनों की सुविधा के लिये होता है। यदि टैक्स देने वाले के पास फॉर्म 26AS है तो उसे ITR के साथ TDS की कॉपी लगाने की जरूरत नहीं है। यदि किसी व्यक्ति पर कोई भी टैक्स बाकी नहीं है तो उसे टैक्स क्रेडिट फाइल करने में भी आसानी होती है।
उदाहरण के लिए श्री नारायण का वार्षिक वेतन 4.8 लाख रुपये है (प्रति माह 40,000 रुपये) और अन्य जगह से 2 लाख रुपए सालाना इनकम है और वो अपने टैक्स का भुगतान करना चाहते हैं। हालांकि, फॉर्म 16 उन्हें बताता है कि उनकी कम्पनी द्वारा वेतन से कितना टैक्स काटा गया है, लेकिन उसे इस बात का पता नहीं है कि टैक्स काटने वाले ने उसकी अन्य आय से कितना टैक्स काटा है।
इसके लिए TDS की सभी सभी जानकारी उनके फार्म 26AS में देख सकते हैं, ये फॉर्म इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर मिल जाएगा| फॉर्म में अपनी कम्पनी द्वारा काटे गए टैक्स के साथ-साथ अपने TDS की जानकारी भी ले सकते हैं। इसमें श्री नारायण के टैक्स भुगतानों का तिमाही खाता होगा, उन्हें पता चल जाएगा कि क्या उन्हें कोई टैक्स भुगतान करना है कि वह रिफंड के योग्य हैं।
फार्म 26AS को कैसे डाउनलोड करें:
फार्म 26AS को उपयोग और डाउनलोड करने के कुछ आसान तरीके निम्नलिखित हैं:
- आप अपने इनकम टैक्स फाइलिग अकाउंट में सीधे जा कर टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ पर लॉग-इन करें। लॉग-इन करने के बाद, ‘MY ACCOUNT’ या ‘QUICK LINK’ से ‘VIEW 26AS FORM‘ बटन पर क्लिक करें। अब आपको फार्म 26AS डाउनलोड करने के लिए TDS-CPC वेबसाइट पर भेज दिया जाएगा। आपको वह असेसमेंट वर्ष (AY) चुनना होगा जिसके लिए आप जानकारी डाउनलोड करना चाहते हैं।
- फॉर्म 26AS डाउनलोड करने का एक और आसान तरीका ट्रेसेज ‘TRACES’ में रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसमें फार्म सही रूप में आता है जिसे पढ़ना भी आसान होता है।
- आप इस फार्म को अपनी नेट बैंकिंग सुविधा का उपयोग करके अधिकारिक बैंकों से भी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट (फॉर्म 26AS) केवल तभी उपलब्ध होता है जब पैन बैंक खाते से लिंक होता है जिसका उपयोग फॉर्म डाउनलोड करने के लिए किया जा रहा है। यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। फार्म उपलब्ध कराने वाले अधिकृत बैंकों की लिस्ट नीचे दी गई है:
इलाहाबाद बैंक | ICICI बैंक | यस बैंक |
आंध्र बैंक | IDBI बैंक | SBI |
एक्सिस बैंक | इंडियन बैंक | HDFC बैंक |
बैंक ऑफ बड़ौदा | इंडियन ओवरसीज़ बैंक | सिंडिकेट बैंक |
बैंक ऑफ इंडिया | इंडसंड बैंक | फेडरल बैंक |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | कर्नाटक बैंक | करुर वैस्या बैंक |
केनरा बैंक | कोटक महिंद्रा बैंक | यूको बैंक |
सैन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया | ओरियंटल बैंक ऑफ कॅामर्स | यूनियन बैंक ऑफ इंडिया |
सिटी यूनियन बैंक | पंजाब नेशनल बैंक | साउथ इंडिया बैंक |
कॅारपोरेशन बैंक | पंजाब एंड सिंध बैंक |
इनकम टैक्स से संबंधित डेटा की जांच के अलावा यह फॉर्म इनकम टैक्स रिटर्न को भी आसान बनाता है| फार्म 26AS में आपके डिडक्टर और कलेक्टरों सही जानकारी होती है। जिसमें उनके नाम, टैक्स डिडक्शन खाता नंबर, टैक्स कलेक्शन खाता नंबर, इनकम की राशि, और TDS आदि शामिल हैं। अपना रिफंड दाखिल करते समय यह फॉर्म आपके लिए डेटा भरना काफी आसान बना देता है।
फार्म 26AS की उपयोगिता और महत्व:
फार्म 26AS की उपयोगिताएं और महत्व निम्नलिखित हैं
- फार्म 26AS सरकारी टैक्स अधिकारियों के पास जमा किए गए अधिकृत डिडक्टर और कलेक्टरों द्वारा काटे गए/कलैक्ट किए टैक्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी होती है।
- फ़ार्म 26AS आपको फाइनेंशियल वर्ष के दौरान एक ही बार में TDS/TCS से जुड़े सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी देता है।
- टैक्स क्रेडिट और इनकम टैक्स रिफंड फाइल करते समय भी यह फ़ार्म टैक्स कैलक्युलेशन करने में मदद करता है। यह आपको आसानी से अपने इनकम टैक्स रिफंड को वैरीफाई करने में भी मदद कर सकता है।
- फार्म 26AS की मदद से टैक्स क्रेडिट और इनकम टैक्स रिफंड जल्द से जल्द क्रेडिट हो जाते हैं
- 26AS का उपयोग करके असेसमेंट वर्ष/फाइनेंशियल वर्ष के दौरान रिफंड भी वैरीफाई कर सकते हैं।
फार्म 26AS के साथ आपके TDS सर्टिफिकेट में सत्यापित करने के लिए आवश्यक चीजें:
फॉर्म 26AS को TDS सर्टिफिकेट की जानकारी की जांच करनी चाहिए, जिसे फॉर्म 16 (नौकरीपेशा) और फॉर्म 16A (व्यवसाय/स्व-रोजगार) के रूप में भी जाना जाता है, जिससे यह तय किया जा सके कि भुगतान करने वाले की इनकम से काटे गए TDS वास्तव में इनकम टैक्स विभाग के पास जमा किए गए थे।
फॉर्म 26AS के साथ TDS सर्टिफिकेट में वैरीफाई की जाने वाले बिन्दुओं की जानकारी निम्नलिखित हैं:
- आपका नाम, पैन, डिडक्टर का TAN, आपको भुगतान की गई रिफंड राशि, और फॉर्म 26AS पर TDS राशि की जांच करना न भूलें ,जिससे यह तय किया जा सके कि वे सही जमा हो रहे हैं या नहीं।ये टैक्सेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हैं और इस तरह के सर्टिफिकेट स्वीकार करने से पहले आंकड़ों को वैरीफाई कर लें जिससे कोई गलती न हो।
- वैरीफाई करें कि जो टैक्स TDS सर्टिफिकेट में दिखाया गया है, वास्तव में सरकार द्वारा प्राप्त किया गया है। यह केवल फॅार्म 26AS डेटा के साथ अपने पे-स्लिप पर TDS भुगतान की तुलना करके संभव है। यदि डिडक्टर आपकी ओर से TDS फ़ाइल या टैक्स जमा नहीं कर पाया, तो यह आप दोनों के लिए एक समस्या हो सकती है। डिडक्टर से संपर्क करें और उसे जल्द से जल्द TDS रिफंड फाइल कर राशि जमा करने के लिए कहें।
- यदि आपके TDS फ़ार्म में दिखाया गया TDS आपके फॉर्म 26AS में नहीं दिख रहा है, तो इसका मतलब यह होगा कि डिडक्टर ने आपकी ओर से टैक्स काट लिया है लेकिन इनकम-टैक्स विभाग को TDS जमा नहीं किया है।यदि आप इस समस्या का सामना कर रहे हैं। तो संबंधित डिडक्टर से संपर्क करके जल्द से जल्द इसमें सुधार करें|
TDS प्रमाण पत्र और फॉर्म 26AS में अलग अलग जानकारी होने की स्तिथि में, अपने डिडक्टर को सूचित करें और इसे जितनी जल्दी हो सके ठीक करें। बहुत से मामलों में, यदि TDS गलत पैन के तहत फाइल कर दिया जाता है, तो इससे डिडक्टर और टैक्स देने वाले दोनों को ही बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं।
TDS सर्टिफिकेट (फार्म16/16A) बनाम 26AS
- फॉर्म 26AS में पहले से ही टैक्स संबंधित जानकारी है लेकिन फिर भी आपको TDS सर्टिफिकेट या फॉर्म 16/16A की आवश्यकता होती है क्योंकि यह दोनों फॅार्म अलग होते हैं और दोनों के उद्देश्य अलग-अलग होते हैं।
- आप फॉर्म 26AS में TDS से संबंधित सभी जरूरी जानकारियाँ जमा कर सकते हैं जो किसी भी इनकम टैक्स रिफंड फाइल करने के लिए पर्याप्त हैं। फॉर्म 26AS शुरू करने के पीछे तर्क है कि टैक्स देने वाले को फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी के साथ जानकारी की जांच और वैरीफिकेशन आसान बनाना और सूचना की पारदर्शिता बनाए रखना।
- यदि आपके पास TDS सर्टिफिकेट या फॅार्म 26AS नहीं है, तो आपको वैरीफिकेशन करते समय काफी समस्याएं होंगी। यदि आपके पास TDS सर्टिफिकेट और फॅार्म 26AS दोनों हैं तो आप आसानी से जानकारी की जांच कर सकते हैं। कोई भी गलती होने पर आप आसानी से इसे सही कर सकते हैं।
- इसके अलावा नौकरीपेशा व्यक्तियों के मामले में, फार्म 26AS इनकम टैक्स रिफंड फाइन करने के लिए पर्याप्त नहीं है क्योंकि यह आपकी इनकम की और छूट की जानकारी नहीं दिखाता है। इसलिए आपको रिफंड फाइल करते समय फॅार्म 26AS के साथ एक TDS सर्टिफिकेट की भी जरूरत होती है।