करदाता को कमाई के अनुसार इनकम टैक्स चुकाना होता है। इनकम टैक्स की कई दरें हैं, जो व्यक्तियों पर उनकी वार्षिक कमाई के मुताबिक, लागू होती हैं। आइए फाइनेंशियल वर्ष 2018-19 और असेसमेंट वर्ष 2019-20 (कमाई का मूल्यांकन कर एडवांस में टैक्स फाइल करने के लिए) की इनकम टैक्स दरों को जानते हुए इनकम टैक्स व्यवस्था को बेहतर तरह से समझें।
असेसमेंट वर्ष 2019-2020 की इनकम टैक्स दरें
केन्द्रीय बजट 2018 के अनुसार, इनकम टैक्स डरे इस प्रकार हैं:
निवासी व्यक्ति और प्रवासी भारतीय (NRI)
मौजूदा इनकम टैक्स नियम 1961 के अंतर्गत, निवासी भारतीय और प्रवासी भारतीय को एक ही इनकम टैक्स दरों के मुताबिक, टैक्स देना होता है। 60 साल से कम आयु वर्ग के निवासी और प्रवासी भारतियों के इनकम टैक्स दरें असेसमेंट वर्ष 2019-20 के लिये नीचे दी गईं हैं:
आय सीमा | लागू टैक्स दर |
₹ 2,50,000 तक | शून्य |
₹ 2,50,001 से ₹ 5,00,000 तक | ₹ 2.5 लाख से ज़्यादा आय पर 5% (अधिकतम ₹ 12,500) |
₹ 5,00,001 से ₹ 10,00,000 तक | ₹ 5 लाख से ज़्यादा आय पर 20% (अधिकतम. ₹ 1 लाख) + ₹ 12,500 |
₹ 10,00,001से अधिक | ₹ 10 लाख से ज़्यादा आय पर 30% + ₹ 1 लाख + ₹ 12,500 |
अन्य बिंदु:
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- सरचार्ज: अगर आय 50 लाख रु. से 1 करोड़ रु. के बीच हो तो इनकम टैक्स पर 10 % सरचार्ज देना होगा। 1 करोड़ से ज़्यादा की आय पर लगने वाले टैक्स पर 15% सरचार्ज देना होगा ।
- स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक और उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज सहित 4% “स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर” लगेगा।
- अंतरिम बजट 2019 में टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर प्रति व्यक्ति 5 लाख तक कर दिया गया है। अब 5 लाख रु. तक की वार्षिक कमाई पर टैक्स देने की आवश्यकता नहीं है।
और पढ़ें : 87A के अंतर्गत कर में छूट
अविभाजित हिन्दू परिवार (HUF)
अविभाजित हिन्दू परिवार (HUF) का नेतृत्व ‘कर्ता’ (परिवार का पदांकित मुखिया) करता है। हिन्दू अविभाजित परिवार की कानूनी पहचान ‘आर्टिफीशियल जुडिशल पर्सन’ के रूप में है और उस पर टैक्स भी उसी अनुरूप लगता है। असेसमेंट वर्ष 2019-20 (वित्तीय वर्ष 2018-19) के लिए HUF की टैक्स दरे निम्नलिखित हैं:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 2,50,000 तक | शून्य |
₹ 2,50,001 से ₹ 5,00,000 | ₹ 2.5 लाख से ज़्यादा की आय पर 5% (अधिकतम ₹ 12,500) |
₹ 5,00,001 से ₹ 10,00,000 तक | ₹ 5 लाख से ज़्यादा की आय पर 20% (अधिकतम ₹ 1 लाख) + ₹ 12,500 |
₹ 10,00,001 से ज़्यादा | ₹ 10 लाख से ज़्यादा की आय पर 30% + ₹ 1 लाख + ₹ 12,500 |
अन्य बिंदु:
सरचार्ज: अगर आय 50 लाख रु. से 1 करोड़ रू. के बीच है तो इनकम टैक्स पर 10% सरचार्ज देना होगा। 1 करोड़ रू. से ज़्यादा है तो इनकम टैक्स पर 15% सरचार्ज देना होगा।
स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
व्यक्तियों के संघ, व्यक्तियों के निकाय एवं आर्टिफीशियल जुडिशल पर्सन के लिए इनकम टैक्स दरें
इनकम टैक्स धारा, 1961 की व्याख्या के अनुसार, किसी व्यक्तियों के संघ (AOP) और किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की निकायों (BOI) का दो या दो से अधिक व्यक्तियों का लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से किया गया एकीकरण ये सभी आर्टिफीशियल जुडिशल पर्सन आम उदाहरणों में से हैं और इन पर लागू टैक्स दरें निम्नलिखित हैं:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 2,50,000 तक | शून्य |
₹ 2,50,001 से ₹ 5,00,000 तक | ₹ 2.5लाख से ज़्यादा आय पर 5% (अधिकतम ₹ 12,500) |
₹ 5,00,001 से ₹ 10,00,000 तक | ₹ 5 लाख से ज़्यादा आय पर 20% (अधिकतम ₹ 1 लाख) + ₹ 12,500 |
₹ 10,00,001 से अधिक | ₹ 10 लाख से ज़्यादा आय पर 30% + ₹ 1 लाख + ₹ 12,500 |
अन्य बिंदु:
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- सरचार्ज: अगर आय 50 लाख रु. से अधिक और 1 करोड़ रू. से कम है, तो इनकम टैक्स पर 10% सरचार्ज देना होगा और 1 करोड़ रु. से अधिक की आय पर, लगने वाले इनकम टैक्स पर 15% सरचार्ज देना होगा
- शिक्षा उपकर: इनकम टैक्स पर सरचार्ज के अलावा 2% उपकर भी देना होगा।
- उच्च माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर: सभी कर दाताओं के लिये कुल इनकम टैक्स का अतिरिक्त 1% उपकर, सरचार्ज सहित।
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वरिष्ठ नागरिक
मौजूदा भारतीय इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, 60 साल से अधिक और 80 साल से कम उम्र वाले व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते हैं। इन पर लागू ब्याज़ दरें निम्नलिखित हैं:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 3,00,000 तक | शून्य |
₹ 3,00,001 से ₹ 5,00,000 तक | ₹ 3 लाख से ज़्यादा आय पर 5% (अधिकतम ₹ 10,000) |
₹ 5,00,001 से ₹ 10,00,000 तक | ₹ 5 लाख से ज़्यादा आय पर 20% (अधिकतम ₹ 1 लाख) + ₹ 10,000 |
₹ 10,00,001 से अधिक | ₹ 10 लाख से ज़्यादा आय पर 30% + ₹ 1 लाख + ₹ 10,000 |
अन्य बिंदु:
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- सरचार्ज: अगर आय 50 लाख रु. से अधिक और 1 करोड़ रू. से कम है तो, लागू इनकम टैक्स पर 10% सरचार्ज देना होगा। अगर आय 1 करोड़ रूपए से अधिक है तो, लागू इनकम टैक्स पर 15% सरचार्ज देना होगा।
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
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अति वरिष्ठ नागरिक
भारतीय इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान कमाई गई आय जिसका इनकम टैक्स भरने का असेसमेंट वर्ष 2019-20 है उसमें, 80 वर्ष से ज़्यादा उम्र वाले व्यक्तियों को अति वरिष्ठ नागरिक के तौर पर परिभाषित किया गया है। ऐसे नागरिकों के लिए इनकम टैक्स दरें निम्नलिखित हैं:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 5,00,000 तक | शून्य |
₹ 5,00,001 से ₹ 10,00,000 तक | ₹ 5 लाख से ज़्यादा आय पर 20% (अधिकतम ₹ 1 लाख) |
₹ 10,00,001 | ₹ 10 लाख से अधिक की आय पर 30% + ₹ 1 लाख |
अन्य बिंदु:
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- सरचार्ज: अगर आय 50 लाख रु. से अधिक और 1 करोड़ रू. से कम है तो, लागू इनकम टैक्स पर 10% सरचार्ज देना होगा। अगर आय 1 करोड़ रूपए से अधिक है तो, लागू इनकम टैक्स पर 15% सरचार्ज देना होगा।
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
पार्टनरशिप फर्म
पार्टनरशिप कम्पनियों और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) पर लागू टैक्स दर 30% है।
अन्य बिंदु
- सरचार्ज: अगर आय 1 करोड़ रूपये से अधिक है तो इनकम टैक्स पर 12% सरचार्ज देना होगा।
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
स्थानीय संस्था / अथॉरिटी
स्थानीय संस्थाओं पर लागू इनकम टैक्स की दर 30% है।
अन्य बिंदु:
- सरचार्ज: अगर आय 1 करोड़ रूपये से अधिक है तो इनकम टैक्स पर 12% सरचार्ज देना होगा।
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
डोमेस्टिक कम्पनियाँ
किसी भी प्रकार की डोमेस्टिक कंपनी पर 30% की इनकम टैक्स दर लागू होगी। लेकिन, अगर कंपनी की वार्षिक कमाई 250 करोड़ रु. से कम होती है, तो लागू टैक्स दर 25% होगी।
अन्य बिंदु:
- सरचार्ज: अगर आय 1 करोड़ रूपए से 10 करोड़ रूपए के बीच है तो, इनकम टैक्स पर 7% सरचार्ज देना होगा। लेकिन, अगर आय 10 करोड़ रुपए से अधिक है तो लागू इनकम टैक्स पर 12% सरचार्ज देना होगा। कुछ खास मामलों में इनकम टैक्स विभाग कम्पनियों को थोड़ी राहत प्रदान करता है:
(i) जहाँ आय की राशि 1 करोड़ रूपए से अधिक लेकिन 10 करोड़ रूपए से कम है, तो इनकम टैक्स व सरचार्ज के रूप में जमा की जाने वाली रकम 1 करोड़ रुपए के ऊपर जो भी करदाता की आय है उस से अधिक नहीं होनी चाहिए।
(ii) जहाँ आय की राशि 10 करोड़ रूपए से अधिक है, तो इनकम टैक्स व सरचार्ज के रूप में जमा की जाने वाली रकम 10 करोड़ रुपए के ऊपर जो भी करदाता की आय है उस से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
विदेशी कम्पनियाँ
आय का प्रकार | लागू टैक्स दरें |
कोई भी विदेशी कंपनी जो भारत में काम कर के भारतीय महत्त्व समबन्धित समझौतों के एवज़ में रॉयल्टी के रूप में आय प्राप्त करती है (31 मार्च 1961 के बाद, और 1 अप्रैल 1976 के पहले) | 50% |
अगर कोई विदेशी कंपनी किसी भी तकनीकी सहयोग के एवज़ में शुल्क के रूप में कोई राशि प्राप्त करती है तो भारतीय महत्त्व सम्बंधित समझौतों के अंतर्गत में दी जाने वाली आय के रूप में राशि (29 फरवरी 1964 के बाद, और 1 अप्रैल 1976 के पहले) | 50% |
भारत में रहकर किसी विदेशी कंपनी द्वारा कोई अन्य आय | 40% |
अन्य बिंदु:
- सरचार्ज: अगर आय की राशि 1 करोड़ रूपए से 10 करोड़ रूपए के बीच होती है, तो कुल इनकम टैक्स की राशि पर 2% सरचार्ज देना होगा. अगर आय की राशि 10 करोड़ रूपए से अधिक है तो इनकम टैक्स पर 5% सरचार्ज देना होगा।
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
सहकारी समितियां
कृषि समितियों को छोड़ शहरी/ अर्ध शहरी/ ग्रामीण स्वयं सहायता समूह (SHG) पर लागू टैक्स दरें:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 10,000 तक | 10% |
₹ 10,001 से ₹ 20,000 तक | 20% |
₹ 20,001 से अधिक | 30% |
अन्य बिंदु:
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- सरचार्ज: अगर आय की राशि 1 करोड़ रूपए से अधिक है तो, कुल इनकम टैक्स पर 12% सरचार्ज देना होगा।
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- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
फाइनेंशियल वर्ष 2019-20 और फाइनेंशियल वर्ष 2018-19 में इनकम टैक्स दरों की तुलना
60 साल से कम उम्र के व्यक्तियों और HUF के लिये इनकम टैक्स दरें
वार्षिक आय सीमा | टैक्स दर, फाइनेंशियल वर्ष 2019-20 | टैक्स दर, फाइनेंशियल वर्ष 2018-19 |
₹ 2.5 लाख तक | कोई टैक्स नहीं | कोई टैक्स नहीं |
₹ 2.5 लाख से ₹ 5 लाख तक | 5% + 4% उपकर | 5% + 4% उपकर |
₹ 5 लाख से ₹ 10 लाख तक | 20% + 4% उपकर | 20% + 4% उपकर |
₹ 10 लाख से ₹ 50 लाख तक | 30% + 4% उपकर | 30% + 4% उपकर |
₹ 50 लाख से ₹ 1 करोड़ तक | 30% + 10% सरचार्ज + 4% उपकर | 30% + 10% सरचार्ज + 4% उपकर |
₹ 1 करोड़ से अधिक | 30% +15% सरचार्ज + 4% उपकर | 30% +15% सरचार्ज + 4% उपकर |
धारा 87A के अंतर्गत मिलने वाली छूट |
जिन व्यक्तियों की वार्षिक आय 5 लाख रु. से कम है, उन्हें 100% टैक्स रिबेट मिलेगा जिसकी अधिकतम सीमा 12,500 रु. होगी. |
जिन व्यक्तियों की वार्षिक आय 3.5 लाख रु. से कम है, उन्हें 100% टैक्स रिबेट मिलेगा जिसकी अधिकतम सीमा 2,500 रु. होगी. |
महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- फाइनेंशियल वर्ष 2019-20 और असेसमेंट वर्ष 2020-21 में सभी नागरिकों (वरिष्ठ नागरिकों सहित) इनकम टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं है.
- नौकरीपेशा करदाताओं के लिये स्टैण्डर्ड डिडक्शन की सीमा 40,000 रू. से 50,000 रू. कर दी गई है.
- इनकम टैक्स के साथ लिये जाने वाले 4% शिक्षा उपकर भी नहीं बदला है.
- कॉर्पोरेट टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं. घरेलू कम्पनियों के 250 करोड़ रूपए तक के कारोबार पर कॉर्पोरेट टैक्स दर 25% ही है.
आयकर धारा, 1961
इनकम टैक्स के प्रावधान इनकम टैक्स अधिनियम 1961 में, निहित है जो पूरे भारत में समान रूप से लागू होती है और वर्ष 1962 से प्रभावी है। इसमें इनकम टैक्स, इनकम टैक्स दरें और जुर्माने और आदि के बारे में बताया गया है:
- वार्षिक संशोधन – क्योंकि के इनकम टैक्स अधिनियम एक राजस्व कानून है, इसलिए जब भी सरकार इसमें बदलाव करना चाहती है तो इसमें संशोधन करना पड़ता है। इसके लिए सरकार को जब भी टैक्स दरें बदलनी होती हैं वो वित्तीय बिल लाती है।
- आय – किसी भी स्रोत से प्राप्त धन या धन के मूल्य के बराबर की संपत्ति को आय के रूप में परिभाषित किया गया है।
कुछ प्रमुख कारक, जिनके आधार पर इनकम टैक्स लगाया जाता है:
- आय
- आवासीय स्थिति
- असेसमेंट वर्ष
- टैक्स दर
- आय की वो सीमा जिस पर इनकम टैक्स नहीं लगता है
- कुल आमदनी
इनकम टैक्स लागू होते हैं:
- किसी भी व्यक्ति जिसकी आय किसी नियमित स्रोत से हो
- किसी भी हिन्दू अविभाजीय परिवार (HUF) पर
- किसी भी संगठन पर
- किसी भी कंपनी पर
- किसी व्यक्ति के संघ (AOP) या व्यक्तियों के संगठन(BOI) पर, भले ही शामिल हों या ना हों
- किसी भी स्थानीय विभाग पर
फाइनेंशियल वर्ष 2018-19 में इनकम टैक्स दरों में हुए बड़े बदलाव
इस फाइनेंशियल वर्ष 2018-19 में, कई टैक्स बदलाव किए गए हैं जो निम्नलिखित हैं:
- मध्यम वर्ग के लिये टैक्स में छूट: धारा 87A के तहत अब 5 लाख रूपए तक की वार्षिक आय टैक्स नहीं लगेगा। ये वर्ष 2019 में जारी किए गये बजट में इनकम टैक्स के नियम में किए गये बदलाव का केन्द्रीय बिन्दू है।
- स्टैण्डर्ड डिडक्शन: नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिये वर्ष 2019 के अंतरिम बजट में इनकम टैक्स में की जाने वाली सामान्य कटौती की सीमा 40,000 रूपए से बढ़ाकर 50,000 रूपए की गई है।
- किराय से होने वाली आय पर TDS: वर्ष 2019 के अंतरिम बजट में, किराय से होने वाली आय जिस आय पर TDS लगता है उसकी सीमा 1.8 लाख रूपए से बढ़ाकर 2.4 लाख रूपए की गई है, बिना बिकी हुई संपत्ति पर होने वाली किराये की आमदनी में इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट अवधि को भी 1 साल से बढ़ाकर 2 साल कर दिया गया है
- ब्याज से होने वाली आय पर TDS: इस बजट में बैंक और पोस्ट ऑफिस में की गयी डिपॉज़िट के ब्याज़ से होने वाली 40,000 रूपए तक की आय पर TDS नहीं लेगाग। पहले ये सीमा 10,000 रूपए तक की थी।
डिविडेंड पर लागू इनकम टैक्स दर
व्यक्तियों की डिविडेंड से हुई कमाई पर टैक्स लेगागा। टैक्स इस पर भी निर्भर करेगा कि लाभांश का स्रोत क्या है:
लाभांश के स्रोत | व्यक्तियों/ HUF के लिये टैक्स की दरHUFs | आयकर धारा |
-अगर चालू वर्ष में लाभांश से होने वाली कुल आय 10 लाख रूपए से कम है तो | शून्य | अनुभाग 10(34) |
-अगर चालू वर्ष में लाभांश से होने वाली कुल आय 10 लाख रूपए से अधिक है तो | 10% | अनुभाग 115BBA |
NRI के लिये इनकम टैक्स दरें
फाइनेंशियल वर्ष 2018-19 के लिये टैक्स दरें इस प्रकार हैं:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 2,50,000 तक | शून्य |
₹ 2,50,000 से ₹ 5,00,000 तक | 5% |
₹ 5,00,000 से ₹ 10,00,000 तक | 20% |
₹ 10,00,000 से अधिक | 30% |
स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर – 4%
अप्रवासियों के लिये इनकम टैक्स दरें
फाइनेंशियल वर्ष 2019-2020 के लिए लागू टैक्स दरें इस प्रकार हैं:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 2,50,000 तक | शून्य |
₹ 2,50,000 से ₹ 5,00,000 तक | 5% |
₹ 5,00,000 से ₹ 10,00,000 तक | 20% |
₹ 10,00,000 से अधिक | 30% |
शिक्षा उपकर एवं सरचार्ज (अगर) देय हो तो | 3% |
फ्रीलांसर के लिये इनकम टैक्स दर
फ्रीलांसर पर लागू टैक्स दरें अन्य सभी व्यक्तियों पर लागू दरों के समान हैं। टैक्स दरें इस प्रकार है:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 2,50,000 तक | शून्य |
₹ 2,50,000 से ₹ 5,00,000 तक | 5% |
₹ 5,00,000 से ₹ 10,00,000 तक | 20% |
₹ 10,00,000 से अधिक | 30% |
अन्य बिंदु:
- सरचार्ज: अगर आय 50 लाख रूपए से अधिक और 1 करोड़ रूपए से कम है तो, इनकम टैक्स पर 10% सरचार्ज देना होगा। अगर आय 1 करोड़ रूपए से अधिक है तो 1 करोड़ रुपए से अधिक की रकम पर लगे इनकम टैक्स पर 15% सरचार्ज देना होगा।
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: “शिक्षा उपकर” और “माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा उपकर” के बजाय अब टैक्स पर सरचार्ज के साथ 4% “स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर” देना होगा।
डॉक्टरके लिये लागू इनकम टैक्स दर
भारत में रहने वाले सभी नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिये समान इनकम टैक्स दरें लागू होती हैं। डॉक्टर के लिए लागू इनकम टैक्स की दरें इस प्रकार हैं:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें |
₹ 2,50,000 तक | शून्य |
₹ 2,50,000 से ₹ 5,00,000 तक | 5% |
₹ 5,00,000 से ₹ 10,00,000 तक | 20% |
₹ 10,00,000 से अधिक | 30% |
सरचार्ज:
- कुल आय 50 लाख रूपए से अधिक है तो टैक्स पर 10% सरचार्ज देना होगा.
- कुल आय 1 करोड़ रूपए से अधिक है तो टैक्स पर 15% सरचार्ज देना होगा.
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर: टैक्स पर 4% सरचार्ज सहित.
पेंशनभोगियों के लिए लागू टैक्स दरें
पेंशनभोगियों के लिए लागू टैक्स दरें:
आय सीमा | लागू टैक्स दरें | शिक्षा एवं स्वास्थ्य उपकार |
₹ 3,00,000* तक | कोई कर नहीं | |
₹ 3,00,000 – ₹ 5,00,000 तक की आय पर | 5% | आय कर का 4% |
₹ 5,00,000 – ₹ 10,00,000 तक की आय पर | 20% | आय कर का 4% |
₹ 10,00,000 से अधिक की आय पर | 30% | आय कर का 4% |
सरचार्ज: इनकम टैक्स का 10%, अगर कुल आय 50 लाख रूपए से 1 करोड़ रूपए तक हो.
सरचार्ज: इनकम टैक्स का 15% अगर कुल आय 1 करोड़ रूपए से ज़्यादा हो तो.
*वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिये आय कर में छूट की सीमा 3,00,000 रूपए तक है.
संबंधित प्रश्न
प्रश्न. क्या सभी व्यक्तियों के लिये इनकम टैक्स दरें समान हैं?
उत्तर: हाँ, इनकम टैक्स की दरें एक विशिष्ट अनुभाग के तहत सभी व्यक्तियों के लिए समान हैं, चाहे वो व्यक्ति 60 साल से कम आयु वर्ग का हो, वरिष्ठ नागरिक (60 साल से 80 साल की आयु का) हो, अति वरिष्ठ नागरिक (80 साल या उससे अधिक की आयु) का हो, सभी के लिए इनकम टैक्स दरें समान हैं।
प्रश्न. वर्तमान इनकम टैक्स की दरें किस पर लागू होती हैं?
उत्तर: हर उस व्यक्ति पर जो निवासी हो या प्रवासी, चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो, चाहे वो नौकरीपेशा हो या स्व-नियोजित या बेरोज़गार। हर किसी पर इनकम टैक्स दरें लागू होती हैं और उसमें मिलने वाली छूट भी, इसके अलावा इनकम टैक्स के दायरे में गैर व्यक्तिगत संगठन जैसे HUF (अविभाजीय हिन्दू परिवार), AOP, BOI कंपनियां, LLP (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप), कंपनियां, स्थानीय प्राधिकरण और अन्य आर्टिफीसियल जुडिशल पर्सन भी इनकम टैक्स खण्ड की दरों के दायरे में आते हैं।