सरचार्ज एक टैक्स पर टैक्स है। यह दिये गये टैक्स पर लगता है। इसे इनकम पर नहीं लगाया जा सकता है। जैसे- अगर आपके पास 100 रुपये है जिसका टैक्स 30 रु. और इसपर सरचार्ज इसका 10% यानि 3 रूपये है। भारत में किसी व्यक्ति की इनकम 50 लाख से अधिक होने पर 10% का सरचार्ज लगाया जाता है। किसी की इनकम 1 करोड़ रु. से अधिक है तो उस पर 15% सरचार्ज लगता है।
केंद्रीय बजट 2019 में सरचार्ज |
केंद्रीय बजट 2019 में हाई इनकम ग्रुप के व्यक्तियों पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। वार्षिक आय वाले व्यक्तियों के लिए सरचार्ज दर को बदला नहीं गया। 50 लाख से 1 करोड़ रुपए की रेंज में (वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 10%) और 1 करोड़ रुपए से 2 करोड़ रु. की सीमा (वित्त वर्ष 2018 के लिए 15%) केंद्रीय बजट 2019 में निम्नलिखित दरें बढ़ी हैं:
इससे पहले आयकर पर सरचार्ज 15% पर सीमित किया गया था जो वर्तमान AY 2019-20 के लिए लागू है। नई दरें वित्त वर्ष 2019-20 अर्थात AY2020-21 में प्राप्त इनकम पर लागू होंगी। 2 करोड़ रु. का सरचार्ज बढ़कर 5 करोड़ रु. प्रति व्यक्ति हो गया। जो कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वर्ष ब्रैकेट 39% होगा। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 5 करोड़ या उससे अधिक वर्ष 2019-20 के लिए 42.7% होगा. |
मुख्य पॉइंट: |
सरचार्ज एक टैक्स है, जो कि देने वाले टैक्स पर लगाया जाता है। शुरूआत में टैक्स 10% की रेट से लगाया जाता था। वर्ष 2015 में यह रेट बढ कर 12%, वर्ष 2016 में 17 % हो गया। और वर्ष 2017 में 50 लाख से अधिक आय वाले पर और कंपनियों में 1 करोड़ से अधिक आय वाले टैक्स पर सरचार्ज लगाया जाने लगा।
स्वास्थ्य व शिक्षा सैस
सभी व्यक्ति जो आयकर का भुगतान करतें है उन्हें भी भुगतान टैक्स पर स्वास्थ्य व शिक्षा का सैस भरना होता है। स्वास्थ्य व शिक्षा सैस 4% है। यह टैक्स उस पर लगता हैं जो टैक्स के दायरे में आते हैं। मान लीजिए आपकी आय 100 रूपए हैं और उस पर 30 का टैक्स लगाया गया हैं तो 30 रुपये का 4% स्वास्थ्य व शिक्षा का सैस है। यह हर व्यक्ति के लिए हैं जो टैक्स देने के योग्य हैं।
सरचार्ज की वर्तमान दर
कुल आय (रु. में) | लागू सरचार्ज की दर |
50 लाख से कम आय पर | शून्य |
50 लाख से एक करोड़ | 10% |
एक करोड़ से अधिक | 15% |
घरेलू कंपनी– इसकी सरचार्ज सर निम्नलिखित है:
कुल आय | लागू सरचार्ज की दर |
एक करोड़ से कम | शून्य |
1से 10 करोड़ | 7% |
10 से अधिक | 12% |
विदेशी कंपनी – आयकर अधिनियम एक्ट 1961
विदेशी कंपनी एक ऐसी कंपनी जिसका नियंत्रण और प्रबंधन पूरी तरह से भारत के बाहर होता हैं। ऐसी स्थिति में सरचार्ज की दर निम्नलिखित हैं-
कुल आय | लागू सरचार्ज की दर |
एक करोड़ से कम | शून्य |
एक से दस करोड़ | 2% |
दस करोड़ से अधिक | 5% |
विदेशी कंपनी के सरचार्ज घरेलू कंपंनी और व्यक्तियों से कम होते हैं क्योंकि विदेशी कंपंनी अन्य कंपंनियों के मुकाबलें अधिक टैक्स देती हैं।
सरचार्ज कैसे कैलकुलेट करें
ग्रॉस टोटल इनकम या GTI के लिए पांच अलग-अलग जगह से होने वाली कुल आय है। GTI को नेट टोटल आय के लिए भाग VI A में अलग-अलग कटौतियों को बताया गया हैं। यह वह आय है जिस पर टैक्स को जोड़ा जाता हैं। टैक्स की दर, टैक्स देने वाले पर निर्भर करती है जैसे- व्यक्ति विशेष हैं या घरेलू कंपनी आदि। एक बार टैक्स जोड़ लिया जाता हैं, तो टैक्स की इस राशि पर सरचार्ज की दर लागू होती है। इसलिए, टैक्स की गणना कुल आयकर पर की जाती हैं न कि आय पर।
व्यक्तियों के मामले में सरचार्ज की गणना के लिए तरीका निम्नलिखित है:
- 49 लाख रू. की टैक्स योग्य आय: मान लीजिए किसी व्यक्ति का टैक्स योग्य आय 49 लाख रु. है तो यह, उस सीमा से कम है जिसपर सरचार्ज लगता है इसलिए 50 लाख से कम होने पर कोई सरचार्ज नहीं लगेगा।
- 53 लाख रुपये की टैक्स योग्य आय:- व्यक्ति की टैक्स योग्य आय 50 लाख रुपये से अधिक है लेकिन 1 करोड़ रुपये से कम है, इसलिए वह 10% रुपये सरचार्ज का भुगतान करेगा। 53 लाख रुपये पर आयकर की गणना सामान्य स्लैब रेट के अनुसार है, जो कि 14,02,500 रुपये है। इस मामले में लागू सरचार्ज की रेट 10% हैं, इसलिए सरचार्ज की राशि 14,02,500 रुपये होगी जो 1,40,250 है। इस प्रकार आयकर भुगतान सरचार्ज सहित 15,42,750 रुपए (रु. 14,02,500 + रु. 1,40,250 रुपए)हैं।
- 110 लाखरु. की टैक्स योग्य आय: व्यक्ति की टैक्स योग्य आय 1 करोड़ से अधिक है, इसलिए वह 15% सरचार्ज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। 110 लाख रुपये पर आयकर की गणना सामान्य स्लैब रेट के अनुसार की है, जो कि 31,12,500 रुपये है। इस मामले में लागू सरचार्ज की रेट 15% होगी, इसलिए सरचार्ज की राशि 31,12,500 की 15% होगी जो 4,66,875 रुपये है। इस प्रकार आयकर भुगतान (सरचार्ज सहित 35,79,375/- (रु.31,12,500+रु.4,66,875) होंगे।
विदेशी कंपनी के मामलें में सरचार्ज की गणना के निम्नलिखित तरीके-
- टैक्स योग्य आय 95 लाख रुपए है तो, मान लीजिए किसी विदेशी कंपनी की टैक्स योग्य आय 95 लाख रुपए है। यह 40% की रेट से टैक्स योग्य है। ऐसे मामले में, कुल टैक्स योग्य आय 100 लाख रुपये की न्यूनतम सीमा से कम है तो, इस पर सरचार्जलागू नहीं होगा। 38,00,000 रुपये भुगतान टैक्स 95 लाख रुपये का 40% होगा।
- यदि टैक्स योग्य आय 10 करोड़ रुपए है तो, मान लीजिए किसी विदेशी कंपनी की टैक्स योग्य आय 40% की रेट से 1.1 करोड़ रुपए है, इस मामले में, क्योंकि टैक्स योग्य आय 1 करोड़ रुपए से अधिक है लेकिन 10 करोड़ रुपए से कम है, यह सरचार्ज का भुगतान करने के लिए हकदार हैं। 2% का भुगतान करने के लिए। 1.1 करोड़ रुपए पर आयकर की गणना लागू रेट अर्थात 40% के अनुसार की जानी है, जो 44,00,000/- रुपए है। इस मामले में लागू सरचार्ज की रेट 2% है, इसलिए सरचार्ज की राशि 44,00,000 की 2% होगी जो 88,000/- है। इस प्रकार आयकर भुगतान (सरचार्ज सहित रु. 44,88,000) होगा।
- टैक्स योग्य आय 15 करोड़ रुपए है तो, इस मामले में टैक्स योग्य आय 10 करोड़ से अधिक है, कंपनी 5%सरचार्ज का भुगतान होगा। 15करोड़ रुपए पर आयकर की गणना 40% की सामान्य टैक्स रेट के अनुसार की सकती है जो कि 6करोड़ रुपए है। इस मामले में लागू सरचार्ज की रेट 5% होगी, इसलिए सरचार्ज की राशि 6 करोड़ रुपए पर 5% होगी जो 30 लाख रुपए है। इस प्रकार कुल आयकर भुगतान (सरचार्ज सहित) 3 करोड़ रुपए (रु. 6 करोड़ रुपये 30 लाख करोड़ रुपए) होंगे।
सरचार्ज से राहत
टैक्स देने वाले की कुल आय तय की गई न्यूनतम राशि से अधिक हो तो सरचार्ज लगाया जाता है और इसलिए उन सभी व्यक्तियों या कंपनियों द्वारा सरचार्ज भुगतान होता है जिनकी कुल आय 50 लाख रुपए या 1 करोड़ रुपए से अधिक है। लेकिन कुछ मामलों में, आय सीमा से अधिक होने पर भी सरचार्ज नहीं देना होता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, सीमांत राहत उन लोगों का सरचार्ज माफ़ करने के लिए है जिनकी आय सरचार्ज के लिए तय इनकम से थोड़ी ही ज़्यादा है। उदाहरण निम्नलिखित है:
कुल आय | ₹ 50,10,000 |
कुल आय पर टैक्स (सरचार्ज को छोड़कर) | ₹ 13,15,500 |
टैक्स पर 10% सरचार्ज | ₹ 1,31,550 |
कुल भुगतान टैक्स, सरचार्ज सहित | ₹ 14,47,050 |
यदि किसी व्यक्ति की आय 50,10,000 रु. है तो उस पर टैक्स 13,15,500 रु. लगेगा। लेकिन टैक्स सीमा से ज़्यादा की आय (10,000 रु.) को घटाकर सिर्फ 50 लाख रुपए पर टैक्स जोड़ा जाए तो टैक्स 10,13,12,500 रु. होता है।
तो केवल टैक्स में 3000 रु. बढ़ने के कारण करदाता को 1,31,550 रु. का सरचार्ज चुकाना पड़ रहा है। ऐसी स्तिथि हम टैक्स सीमा से ज़्यादा की आय (10,000 रु.) को उस पर लगे टैक्स (3000 रु.) से घटा देंगे (₹ 10,000 – ₹ 3000) और जो बचेगा वही सरचार्ज होगा जो इस स्तिथि में 7000 रु. है।