फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) के ब्याज़ पर स्लैब रेट के अनुसार, सरचार्ज व सैस के साथ टैक्स भी लगता है । उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी कुल आय 10 लाख रु. सालाना है तो आप 30% टैक्स स्लैब में होंगे। मान लेते हैं, आपका FD ब्याज़ 1 लाख रु. है। तो उस पर 31200 रु. का टैक्स लगेगा (30% और 0.4% सरचार्ज )। अगर पूरे फाइनेंशियल वर्ष का ब्याज़ 10,000 रु. से ज्यादा होता है तो उस पर 10% TDS लागू होगा। अगर आप बैंक को अपना पैन कार्ड नहीं देते हैं तो 20% TDS लागू होगा।
NRO (नॉन रेज़िडेंट आर्डिनरी) FD के लिए TDS रेट 30% है। NRE (नॉन रेजिडेंट एक्सटर्नल) और FCNR (फॉरेन करेंसी नॉन रेजिडेंट) FD पर कोई TDS लागू नहीं होता है क्योंकि ये FD टैक्स फ्री् होती हैं। बैंक जो TDS काटता है उसकी जानकारी फॉर्म 26AS में अपलोड हो जाती हैं। टाइम डिपॉज़िट (FD) या रेकरिंग डिपॉज़िट (RD) जो डाक घर से होते हैं उन पर भी कोई TDS नहीं लागू होता है। वरिष्ठ नागरिक (जो 60 साल के ऊपर हैं) उनके लिये 50,000 रु. तक FD ब्याज़ टैक्स फ्री् होता है तो उनके लिए 50,000 रु. तक प्रति साल मिलने वाले ब्याज़ पर कोई TDS नहीं लागू होता है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट क्या होता है?
फिक्स्ड डिपॉज़िट एक बचत ऑफऱ होता है जहाँ आप कुछ समय के लिए पैसे निवेश कर सकते हैं और उसके लिए आपको ब्याज़ भी मिलता हैं। फिक्स्ड डिपॉज़िट की अवधि पूरी होने पर, जमाकर्ता को उसका कमाया हुआ ब्याज़ अपने निवेश की हुई राशि के साथ वापस मिलता है। 1 लाख रु. तक की FD डिपॉज़िट पर इन्शयोरेंस गारंटी कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (DIGCI) द्वारा गारंटी दी होती है।
फिक्स्ड डिपॉज़िट पर टैक्स बचाने या कम करने के तरीके
- अगर आपकी पूरी साल की आय 5 लाख रु. से कम है, तो आप फॉर्म 15G/15H जमा कर सकते हैं। जिससे बैंक कोई TDS ना काटे क्योंकि आपकी आय टैक्स के दायरे में नहीं आती है।
- आप आपनी FD बैंक की जगह डाक घर में खोल सकते हैं। डाक घर के फिक्स्ड डिपॉजिट्स FD में कोई TDS नहीं कटता है।
- आप अपने परिवार वालों के नाम पर निवेश कर सकते हैं जैसे जीवनसाथी , माँ-बाप, आदि। एक व्यक्ति की फिक्स्ड डिपॉज़िट ब्याज़ पर टैक्स उसके टैक्स स्लैब के आधार पर लिया जाता है। उदाहरण के लिये अगर आप FD में 300,000 रु. निवेश करना चाहते हैं जो 10% का ब्याज़ देता है तो ब्याज़ प्राप्त होगा 30000 रु. और 3000 रु. TDS कटेगा। अब इस पूरी राशि को अपने नाम पर जमा करने की जगह आप 75000 रु. अपने पिताजी, अपनी माताजी , जीवनसाथी और खुद के नाम पर जमा कर सकते हैं (जुड़कर जो 3 लाख रु. होंगे), एक फिक्स्ड डिपॉज़िट पर ब्याज़ 7500 रु. होगा। जो कि 10,000 रु. की सीमा के नीचे है इसलिए इस पर कोई TDS नहीं कटेगा। लेकिन ऐसा करने से इनकम टैक्स अधिनियम ,1961 के क्लबिंग प्रोविजन के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके जीवनसाथी / परिवार के बाकी सदस्यों की आय को आपकी आय के साथ जोड़़ सकता है। ऐसा करने से पहले सी.ए की सलाह लेनी चाहिए।
- अगर आप FD अलग-अलग ब्रांच और बैंकों में खोलते हैं तो इससे आप टैक्स बचा सकते हैं या कम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप 20,0000 रु. निवेश करना चाहते हैं और ब्याज़ रेट 10% है, आपको ब्याज़ 20000 रु. मिलेगा । क्योंकि ये राशि 10000 रु. से ज्यादा है इसलिए बैंक इस पर TDS काटेगा। लेकिन अगर आप FD 3 अलग-अलग बैंक में कराते हैं, तो आपको हर बैंक में 3333 का ब्याज़ मिलेगा। क्योंकि हर राशि (3333 रु. है) 10000 रु. की सीमा से कम है इसलिए बैंक इस पर TDS नहीं काटेगा।
- आप साल के सही वक़्त पर निवेश कर सकते हैं। अगर आप FD फाइनेंशियल वर्ष के अंत में कराते हैं या वर्ष के बीच में, तो TDS दो साल में बट जायेगा। इससे उस साल का ब्याज़ 10000 रु. से कम होगा और ऐसे में कोई TDS नहीं कटेगा।
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FD पर TDS के बारे में जानने योग्य बातें
- अगर बैंक ने TDS काट लिया है लेकिन आप कम टैक्स दर के दायरे में आते हैं, तो आप वो राशि आयकर विभाग से अपने आयकर रिटर्न में वापस मांगने का दावा कर सकते हैं।
- अगर आप 20% और 30% से ज्यादा इनकम टैक्स स्लैब रेट के अन्दर आते हैं तब आपको जो TDS चार्ज हुआ है उस पर सेल्फ असेसमेंट के आधार पर टैक्स भरना पड़ेगा।
- बैंक ब्याज़ देने से पहले TDS कैलकुलेट कर लेता है ना कि जब वो ब्याज़ देता हैं। इसलिए, ब्याज़ पर टैक्स सालाना भरना चाहिए न कि FD की अवधि पूरी होने पर।
- अगर आपको FD मैच्योरिटी राशि जानना चाहते हैं FD कैलक्युटर का इस्तेमाल करिए।